Journal: शिक्षा संवाद (ISSN: 2348-5558)
Year: 2024 | Volume: 11 | Issue: 2 | Published on: 2024-12-31
लेखक: सुमित कुमार सिंह चौहान , सुरभि पाल
कूटशब्द: संज्ञानात्मक विकास, खेल, विकास, सीखना, बुद्धि, विचार
यह शोध पत्र जीन पियाजे के संज्ञानात्मक विकास सिद्धांत के संदर्भ में बच्चों के खेल की भूमिका की जांच करता है। पियाजे ने संज्ञानात्मक विकास को एक प्रक्रियात्मक यात्रा के रूप में देखा, जिसमें खेल एक महत्वपूर्ण घटक होता है। पियाजे के अनुसार, खेल बच्चों को न केवल शारीरिक और सामाजिक कौशल विकसित करने में मदद करता है, बल्कि यह उनके मानसिक विकास और तर्कशक्ति को भी बढ़ावा देता है। इस अध्ययन में विभिन्न प्रकार के खेलों, जैसे अभ्यास खेल, प्रतीकात्मक खेल और नियम-आधारित खेल, के प्रभाव का विश्लेषण किया गया है और यह बताया गया है कि प्रत्येक खेल चरण बच्चों के मानसिक और संज्ञानात्मक विकास को किस प्रकार प्रभावित करता है। इसके अतिरिक्त, यह शोध यह भी दर्शाता है कि खेल बच्चों के समस्या-समाधान कौशल, सामाजिक व्यवहार और आत्म-नियंत्रण में कैसे योगदान करता है। पियाजे के सिद्धांतों के माध्यम से यह समझा जा सकता है कि खेल न केवल बच्चों के विकास का एक आवश्यक हिस्सा है, बल्कि यह शिक्षा में नवाचार और समग्र विकास के लिए भी एक प्रभावी विधि साबित हो सकता है। यह शोध पियाजे के दृष्टिकोण से खेल की भूमिका को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करता है और यह बच्चों के संज्ञानात्मक विकास में खेल के महत्व को रेखांकित करता है।
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